लघुकथा

कमाल है

अपनी सहेली रीना से मिलने आई मीता सोफा पर बैठी ही थी कि एक छोटा सा सुंदर कुत्ता आकर उसके पैरों को चाटने लगा। मीता घबराकर उठ खड़ी हुई और उसे धकेलने लगी, लेकिन रीना के ‘नो जिमी, कम ऑन हियर’ कहते ही वो उसकी तरफ चला गया।
-कमाल है!…मीता बोल पड़ी
रीना खुशी से फूलकर कुप्पा हो गई और बताने लगी कि उसके प्रशिक्षण पर कितनी मेहनत और खर्च किया है। फिर कुत्ते की उपलब्धियाँ गिनाने लगी-
“गो देअर जिमी” …कुत्ता रीना की इंगित दिशा में चला गया।
-कमाल है!
“टेक दिज़ जिमी”…कुत्ते ने खिलौना ले लिया।
-कमाल है!
लेकिन जब मीता ने कुत्ते को “इधर आओ जिमी” कहकर बुलाया तो वो चुपचाप बैठा रहा। उसने रीना से इसका कारण पूछा तो उसने गर्व से बताया कि हमने इसे अंग्रेज़ी में प्रशिक्षण दिलवाया है, तभी कुत्ता रसोई की तरफ देखते हुए भौंकने लगा।
“इसे अब भूख लगी है, खाना माँग रहा है”। हँसते हुए रीना ने घोषणा की।
-सचमुच कमाल है! लेकिन यह तो खाना अपनी मातृभाषा में ही माँग रहा है रीना, अगर अंग्रेज़ी में माँगता तो मैं भी तुम्हारे प्रशिक्षण का लोहा मान जाती!

-कल्पना रामानी

*कल्पना रामानी

परिचय- नाम-कल्पना रामानी जन्म तिथि-६ जून १९५१ जन्म-स्थान उज्जैन (मध्य प्रदेश) वर्तमान निवास-नवी मुंबई शिक्षा-हाई स्कूल आत्म कथ्य- औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद मेरे साहित्य प्रेम ने निरंतर पढ़ते रहने के अभ्यास में रखा। परिवार की देखभाल के व्यस्त समय से मुक्ति पाकर मेरा साहित्य प्रेम लेखन की ओर मुड़ा और कंप्यूटर से जुड़ने के बाद मेरी काव्य कला को देश विदेश में पहचान और सराहना मिली । मेरी गीत, गजल, दोहे कुण्डलिया आदि छंद-रचनाओं में विशेष रुचि है और रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं और अंतर्जाल पर प्रकाशित होती रहती हैं। वर्तमान में वेब की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘अभिव्यक्ति-अनुभूति’ की उप संपादक। प्रकाशित कृतियाँ- नवगीत संग्रह “हौसलों के पंख”।(पूर्णिमा जी द्वारा नवांकुर पुरस्कार व सम्मान प्राप्त) एक गज़ल तथा गीत-नवगीत संग्रह प्रकाशनाधीन। ईमेल- [email protected]