एसिड अटैक
एसिड अटैक
झुलसा चेहरा,
धंसी आँखें,
“एसिड विक्टिम”…
है मेरी पहचान !
पलक बिछाये,
था सुनहरा कल,
अब शायद हूँ…
कुछ दिन की मेहमान ! !
कुंठित दानव,
था घात लगाये,
इन्कार की कीमत…
मिली तेजाब !
झुलसी मैं,
झुलसा परिवार,
पीड़ा सही सबने…
बेहिसाब ! !
बिनती मेरी,
बदलो कानून,
न हो कोई …
एसिडका शिकार !
उसको भी,
एसिड से नहला दो,
गुनाह से काँपे…
हर गुनहगार !
अंजु गुप्ता