ग़ज़ल
याद जो आयेगी तेरी !
खुद को खफा कर लूंगी !
बात जो आयेगी तेरी !
खुद से बयां कर लूंगी !!
कर लूंगी खुद ही फैसला!
मैं वादे जफा कर लूंगी !!
नहीं तेरी जरूरत हमको !
सपनों से वफा कर लूंगी!!
न हो तुझसे साबका मेरा !
तारों पे गुमां कर लूंगी !!
मत महका उपवन को मेरे !
फूलों से दुआ कर लूंगी !!
मत पूछ मेरा दर्दो गम !
गम को दवा कर लूंगी !!
— प्रीती