कब तक………?
बेखौफ होकर लाशें गिराते रहेंगे वो,
श्रद्धांजलियों का दौर जब तक चलेगा।
निंदा करने वालों औकात में तो आओ,
बेकसूरों की लाशों का दौर कब तक चलेगा।
घृणा हो रही हरकतें देख तुम्हारी,
पत्थर वाले हांथों से प्रीति तुम्हारी।
नक्सलियों को काहे पाल रहे हो,
आदत है या कोई साजिश तुम्हारी।।
हथियार दे दिये पर आदेश नहीं,
मर जायें साथी पर आवेश नहीं।
प्रोपोगंडा देश प्रेम का करते हो काहे,
जब देशद्रोहियों से तुम्हें कलेश नहीं।।
सुकमा में मरने वाला बेटा नहीं तुम्हारा,
शायद इसी लिए जिंदा वो कुत्ते आवारा,
अब तक नहीं मरे वो, नाकामी तुम्हारी,
या हो उनकी मौत तुमको नहीं गंवारा।।
निंदा का बोल बोलो चलेगा कब तक,
श्रद्धांजलि की माला भेजोगे कब तक,
नक्सलियों, आतंक पर होगी चोट करारी,
हुक्मरानों देश ऐसा देखेगा कब तक।।
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।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7537807761