भजन/भावगीत

मां ने मेरी आस पुजाई

मां ने मेरी आस पुजाई, अम्बे मां की जय-जय बोलो
अम्बे मां की जय-जय बोलो, अम्बे मां की जय-जय बोलो-
1.मैंने मां से विनती की थी, कभी तो खुशियां दे दो
मां ने तुरंत खज़ाना खोला, बोली अब ही ले लो-मां ने मेरी आस पुजाई———-
2.मैंने मां से विनती की थी, कभी तो घर में आना
मां बोली ले आज चली मैं, कल को किसने जाना-मां ने मेरी आस पुजाई———-
3.मैंने मां से विनती की थी, तन-मन स्वस्थ बनादे
मां बोली ले एक दवाई, मुझसे लगन लगा ले-मां ने मेरी आस पुजाई———-
4.मैंने मां से विनती की थी, कुछ उपहार तो दे दे
सिर पर हाथ रखा मैय्या ने, बोली आशिष ले ले-मां ने मेरी आस पुजाई———-

(तर्ज़-कुंडा खोलो मेरी मां लंबे हाथ करके———————-)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244