भजन/भावगीत

हे शिवशंकर महादेव प्रभु

हे शिवशंकर महादेव प्रभु, हमको बस तेरा सहारा है
तू नैया तू ही खिवैया है, तू ही पतवार-किनारा है-
1.तुम बल-बुद्धि-ज्ञान के सागर हो, अभयंकर हो भय हरते हो
हमें बल-बुद्धि-ज्ञान दे अभय करो, हमको बस तेरा सहारा है-हे शिवशंकर महादेव प्रभु—
2.तेरे शीश पे जटाजूट सोहे और जटा में गंगा-धारा है
हे गंगेश्वर पावन कर दो, हमको बस तेरा सहारा है-हे शिवशंकर महादेव प्रभु—
3.तुम तीन लोक के स्वामी हो, प्रभु घट-घट अंतर्यामी हो
मनवांछित फल दे सफल करो, हमको बस तेरा सहारा है-हे शिवशंकर महादेव प्रभु—
4.हर पल प्रभु तेरा ध्यान रहे, हर सांस में तेरा नाम रहे
अपना मानो प्रभु दर्शन दो, हमको बस तेरा सहारा है-हे शिवशंकर महादेव प्रभु—

(तर्ज़-वह शक्ति हमें दो दयानिधे———————-)
(तर्ज़-दिल लूटने वाले जादूगर———————-)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244