कविता

कश्मीर का हाल

कश्मीर का हाल देख कर
दिल लहूलुहान हो जाता है

जब जवान पे थपड पड़ते
दिल्ली पे गुस्सा आता है

दो दिन का मोहलत दे दो
लाहौर भी तब अपना होगा

तुम ऐसा कर पाए तो
सीना 56 इंच का होगा

बहुत उड़ाए श्वेत कबूतर
अब गुलाल उड़ जाने दो

बहुत हुई शांतिवार्ता
अब युद्ध को हो जाने दो

जो तिरंगा जलाये उसकी
वही समादि कर दो

जवानो का अपमान सह कर
जिन्दा रहना पानी पानी है

कश्मीर का हाल देख कर………………..

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site