माँ
एक गांव में एक किसान दम्पति रहता था। तमाम दरिद्रता के बावजूद वे गँवई जीवन शैली में मस्त रहते थे बस दुःख था की ४०-४२ की उम्र हो जाने के बाद भी कोई संतान नहीं था / तमाम पूजा पाठ मान मनौती के बाद लगभग ४५ की उम्र में एक पुत्र प्राप्त हुआ / उसे जैसे दुनिया की साड़ी निधि मिल गई / दोनों रात दिन सोते जागते उसके चेहरे को देखते रहते थे / लड़का धीरे धीरे बड़ा होने लगा , स्कुल जाने लगा , कुशाग्र बुद्धि होने के कारन अच्छे नंबरों से पास होने लगा और तंय समय में इंजीयरिंग उत्तीर्ण हो गया , यद्यपि तब तक किसान जीर्ण हो चूका था और उसके पास जो एक दो कट्टा जमीं था वह भी बिक चूका था / फिर भी वह अपने को गांव का सबसे तकदीरवान समझता था / लड़के को को एक कंपनी में नौकरी मिल गई /संजोग से उसी कंपनी में काम करने वाली एक लड़की से उसका प्रेम हो गया और वह उससे शादी भी कर लिया / पहले तो कभी कभार घर जाता भी था और माँ-बाप की थोड़ी बहुत मदद कर दिया करता था लेकिन शादी के बाद घर जाना बहुत काम कर दिया था या यूँ कहे की माँ-बाप को भूल चका था / माँ बाप खुद कर्ज पटाई लेकर उससे शहर मिलने आ जाया करते थे लेकिन शादी के बाद अपने सोसाइटी के कारण उन लोगो से मिलना बंद कर दिया और फिर कभी न आने के लिए मना कर दिया / इसी दौरान उसका ट्रांसफर लन्दन हो गया और अपना परिवार लेकर वही रहने लगा / कम्पनी में एक टॉम नाम का अंग्रेज युवक काम करता था जो इससे काफी प्रभावित था / एक दिन टॉम बोलै की क्यों किराए के मकान में रहते हो , हमारे मकान में रहा करो / तुम्हारे माँ-बाप को बुरा लगा तो ! टॉम बोला की माँ तो है नहीं , पिता जी दूसरी शादी करके दूसरे घर में रहते है / अब वह टॉम के साथ रहने लगा / काफी समय बीतने के बाद एक दिन टॉम इसके गांव आने के लिए दबाव बनाने लगा , मजबूर होकर वह टॉम को लेकर गांव आया / दम्पति बेटे को पाकर निहाल हो गया , दिन रात सेवा में लग गया / रात उन लोगो के सो जाने पर माँ-बाप पंखा झलते थे , उन लोगो का मांथा सहलाते थे जिसे टॉम बहुत ध्यान से देखता था / छुट्टी बीत जाने के बाद इंजिनियर पत्नी के साथ लन्दन जाने की तैयारी करने लगा / जाने के दिन टॉम लन्दन जाने से साफ़ मना कर दिया , कहा की मुझे माँ मिल गई है जिसके लिए मै जिंदगी भर तरसता रहा , मै माँ के साथ रहुगा / मुझे जो चाहिए था मिल गया है और तम्हे जो चाहिए था , लन्दन का मकान तुम्हारे नाम कर दिया है /