मुक्तक
बुलाने पर नहीं आते हो इतना भेद करते हो
कौन कहता है मेरी मौत पर तुम खेद करते हो
तुम्हारे ही समर्थक ने तुम्हीं पर टिप्पणी की है
जिस पत्तल में खाते हो उसी में छेद करते हो!
— डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी नीरव
बुलाने पर नहीं आते हो इतना भेद करते हो
कौन कहता है मेरी मौत पर तुम खेद करते हो
तुम्हारे ही समर्थक ने तुम्हीं पर टिप्पणी की है
जिस पत्तल में खाते हो उसी में छेद करते हो!
— डॉ. कृष्ण कुमार तिवारी नीरव