कविता

तुम

तुम कई बार
मेरे ख़्वाबो में
आया करते हों
तुम्हें देखकर
कई सपने
सजाती हूँ
जैसे कोई अपनो
को पास होने का
एहसास होता हैं
फिर मैं अपने
तन्हाई जीवन से
दूर हो जाती हूँ
सोचती हूँ तुमसे
कुछ बातें करूँ
मगर वह ख़्वाब
बनकर रह जाता है
क्योंकि तुम नींदों
में आया करते हो!
बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।