अवध-मगध साहित्य मंच
हम सुन्दर पटल बनायेंगे।
साहित्य का माहौल लायेंगे।
शब्दों का हेरा-फेरी कर,
सब रचना करने आयेंगे।
सहभागिता अपनाकर यहाँ,
हम सबको गले लगायेंगे।
शिकवा-गीला ना हो किसी से,
हम साहित्य श्रृंखला बनायेंगे।
अवध मगध साहित्य मंच का,
जगत में अलख जगायेंगे।
नहीं बाक़ी होगा कोई कोना,
विश्व भर में दीप जलायेंगे।
कहता ‘रुद्र’ कुछ भी हो जाये,
एक अनोखा मंच बनायेंगे।
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© रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’
(सा.ध. सह-सम्पादक)
कैमूर बिहार / 9572289410