छोटे कपड़े अत्याचार के दोषी क्यों?
आज कल मनुष्य ऐसा हो गया है कि अपनी मानसिक विकृतियां को छिपाने के लिए नाना प्रकार के बहाने नाना प्रकार के दोषारोपण करता है इसी बीच प्रश्न उठता है छोटे कपड़े अत्याचार के दोषी क्यों? मैं नहीं मानता कि छोटे कपड़े अत्याचार के दोषी हैं ये बहसी लोग एक प्रकार से कामुकता रूपी मानसिक रोग से ग्रसित होते हैं ऐसे लोगों के नजर में परिवार या गैर परिवार सब एक समान होते हैं हर जगह महिलाओं को एक नजर देखते हैं। उनके अन्दर अपनों का डर समाजिक लोकलाज का डर के वजह से विवश रहते हैं। यही विवशता जब उनके कुविचारों कुसंस्कारों से कमजोर पडता है तभी ये अत्याचार कर बैठते हैं ऐसे लोगों को एक उप वर्ग संस्कार विहीन में रखा जा सकता है। क्यों कि संस्कारवान व्यक्ति जो होते हैं उसके सामने चाहे घर की औरतें हो या बाहर की हो सबको एक नजर से देखते हैं क्योंकि उन्हें हर रिश्ते में एक रिश्ता नजर आता है इस प्रकार से मेरा मानना है कि यह छोटा कपड़ा पर न हो होकर बल्कि संस्कार पर निर्भर करता है।
@रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’
(कान्हपुर कर्मनाशा कैमूर बिहार)
9572289410