गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

तुझे दिल में लाकर सताना बहुत है।
तिरे प्यार को आजमाना बहुत है।

ग़मे दिल हमें अब छुपाना बहुत है।
फरेबी हुआ ये ज़माना बहुत है।

पता है मुझे बेवफाई करेगा।
मगर दिल उसी से लगाना बहुत है

मुझे चाय पर तुम बुलाओ तो जाने
हुआ आज मौसम सुहाना बहुत है।

मुझे मिल गया है तेरा साथ यूँ तो.
मगर ज़िन्दगी को तपाना बहुत है

शोभित तिवारी “शोभित”

शोभित तिवारी "शोभित"

पिता का नाम --सोहन लाल तिवारी माता का नाम--रीता तिवारी पता -- जिला लखीमपुर खीरी तहसील धौरहरा दूरभाष--7800961090 शिक्षा --स्नातक सम्मान --अंतरराष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान..शब्द सुमन पत्रिका द्वारा