मुक्तक (बेख़बर देहलवी)
मुक्तक
जन्नत है यहीं पर उनके पाँवों में
मिलता है सुकून इनकी पनाहों मैं
हर बला जिसके दम से टल जाती है
सच बहुत है असर माँ की दुआओं में !!
बेख़बर देहलवी
मुक्तक
जन्नत है यहीं पर उनके पाँवों में
मिलता है सुकून इनकी पनाहों मैं
हर बला जिसके दम से टल जाती है
सच बहुत है असर माँ की दुआओं में !!
बेख़बर देहलवी