कविता

प्रेम

प्यार……
प्यार का दर्द क्या होता है
ये तो वही जाने
जिसने किया है

कितनी तड़प होती है सीने में
ये भला कोई
आम दिल इंसान क्या जाने

बदल जाता है सबकुछ
देखते ही देखते
जब प्यार में हम होते है

सोच, समझ, रहन-सहन व्यवहार
सबकुछ लेता है एक नया मोड़
हरवक्त !
प्रेमसिक्त अहसासों में खोया रहना
मन को देता है सुकून

प्यार ऐसा ही होता है
जमाने से दूर
अकेलेपन में जीना पसंद करता है

पर ये बड़ा जुल्मी भी होता है
तिल-तिल आशिक की याद में
जलाता रहता है

न भूख न प्यास न चैन न करार
बस एक उससे मिलने की
उत्तेजना में
दिल को बेचैन किए रहता है

उफ, ये प्यार भी न !
कितना दर्द होता
सोचो एक बार को !

जब चाहो किसी को दिलोजान से
और वही जब हमसे
कोसो दूर रहता है तो
क्या हालत होती है इस दिल
य समझ भी है मुश्किल

न जिया जाए न मरा
बस उसकी यादों में
तड़प-तड़प कर दिन काटा जाए।

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]