दो मुक्तक : अच्छे दिन
लल्लू-पंजू पूछ रहे हैं- कब आयेंगे अच्छे दिन?
फ़ौरन पकड़ बाँध लो, नहिं तो तरसायेंगे अच्छे दिन
पन्द्रह-पन्द्रह लाख डाल दो, सब लोगों के खाते में
ऐसा हो जाये तो कल ही, मिल जायेंगे अच्छे दिन
अब न करेंगे इंतज़ार हम, अभी चाहिए अच्छे दिन
मोदी भाई देश-विदेश से, खोज लाइए अच्छे दिन
साठ बरस तक काला-पीला, करके जितने जोड़े थे
छीन लिये सब नोट हमारे, अब दिखाइए अच्छे दिन
— विजय कुमार सिंघल
आषाढ़ कृ ५, सं २०७४ वि. (१४ जून, २०१७)