लेख : राम का देश थाईलैंड
भगवान राम के नाम से तो हर व्यक्ति परिचित है और हम सभी यह जानते हैं। कि राम का इतिहास राम के पुत्र लव कुश पर आकर अंत हो जाता है। लेकिन वास्तविकता यह नहीं है। हम सबको यह जान आश्चर्य होगा कि भारत के बाहर थाईलैंड में आज भी संवैधानिक रूप में रामराज्य है और वहां भगवान राम के छोटे पुत्र कुश के वंशज सम्राट ” भूमिबल अतुल्य तेज ” राज्य कर रहे हैं। जिन्हें नौंवां राम कहा जाता है।
राजा दशरथ ने अपने चारों पुत्रों का विवाह राजा जनक की पुत्री सीता व उनके छोटे भाई कुशध्वज की पुत्रियों से कर दिया था । इस प्रकार राम का सीता से, लक्ष्मण का उर्मिला से, भरत का मांडवी से और शत्रुघ्न का विवाह श्रुतिकीर्ति से कर दिया था ।
राम और सीता के पुत्र लव और कुश हुए, लक्ष्मण और उर्मिला के पुत्र अंगद और चन्द्रकेतु हुए, भरत और मांडवी के पुत्र पुष्कर और तक्ष हुए और शत्रुघ्न और श्रुतिकीर्ति के पुत्र सुबाहु और शत्रुघात हुए थे । भगवान राम के समय में ही सभी पुत्रों के राज्य का बँटवारा हो चुका था ।
पश्चिम में लव को लवपुर (लाहौर), पूर्व में कुश को कुशावती, तक्ष को तक्षशिला, अंगद को अंगद नगर और चन्द्रकेतु को चंद्रवती राज्य प्राप्त हुआ था ।
कुश ने अपना राज्य पूर्व की तरफ फैलाया और एक नाग वंशी कन्या से विवाह किया था । थाईलैंड के राजा उसी कुश के वंशज हैं ।
थाईलैंड की राजधानी को लोग बैंकॉक कहते हैं क्योंकि इसका सरकारी नाम इतना बड़ा है कि इसे विश्व का सबसे बड़ा नाम माना जाता है। यह पालि और संस्कृत के 163 अक्षरों से मिलकर बना है । जो इस प्रकार है – ( करूंग देवमहानगर अमररत्न कोसिन्द्र महिन्द्रायुध्या महा तिलकभव नवरत्न राजधानी पुरीरम्य उत्तमराज निवेशन महास्थान अमरविमान अवतारस्थित्य शक्रदत्तिय विष्णु कर्म प्रसिद्धि )
थाईलैंड का मतलब फ्री लैंड है। थाईलैंड को पहले सियाम देश के नाम से भी जाना जाता था । इस देश पर कभी किसी का कब्जा नहीं रहा ।
आप को यह जानकर आश्चर्य होगा कि थाईलैंड का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है । जिसे थाई भाषा में रामकियेन कहा जाता है। जिसका अर्थ राम की कीर्ति होता है। जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है।
इस ग्रंथ की मूल प्रति सन 1767 में नष्ट हो गई थी। जिसे प्रथम राम ने (1736-1809)अपनी स्मरण शक्ति से पुनः लिख लिया था ।
थाईलैंड का राष्ट्रीय पक्षी गरुण है । भारतीय पौराणिक ग्रंथों में गरुड़ को विष्णु का वाहन माना गया है क्योंकि राम विष्णु के अवतार माने जाते हैं और थाईलैंड के राजा भगवान राम के वंशज हैं इसलिए बौद्ध होने के बावजूद भी वे लोग हिन्दू धर्म पर अटूट आस्था रखते हैं ।इसलिए उन्होंने गरुड़ को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया है। यहां तक की थाई संसद के सामने भी गरुड़ बना हुआ है ।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के हवाई अड्डे का नाम सुवर्ण भूमि हवाई अड्डा है । इसके स्वागत हॉल के अंदर समुद्र मंथन का दृश्य बना हुआ है । जो भी व्यक्ति इस हवाई अड्डे के हॉल में जाता है । वह यह दृश्य देखकर मंत्र मुग्ध हो जाता है।
यहां संवैधानिक राजतंत्र है यहां के लोग भगवान की तरह अपने राजा और रानी की पूजा करते हैं ।
बैंकॉक दुनिया के सबसे ज्यादा गर्म शहरों में से एक है । यहाँ का सबसे गर्म महीना अप्रैल होता है । इस महीने में यहाँ सोंगक्रन त्योहार मनाया जाता है। जो बिल्कुल होली की तरह ही होता है। लेकिन इसमें रंगों की जगह सिर्फ पानी का प्रयोग किया जाता है।
बौद्ध धर्म होने के बावजूद थाईलैंड में लोग अपने राजा को भगवान राम का वंशज होने के कारण विष्णु का अवतार मानते हैं। इसलिए थाईलैंड में एक प्रकार से राम राज्य है । वहाँ के राजा को भगवान श्री राम का वंशज माना जाता है। थाईलैंड में संवैधानिक लोकतंत्र की स्थापना 1932 में हुई थी । भगवान राम के वंशजों की यह स्थिति है कि उन्हें निजी अथवा सार्वजनिक तौर पर कभी भी विवाद या आलोचना के घेरे में नहीं लाया जा सकता है। वे पूजनीय हैं ।
थाई शाही परिवार के सदस्यों के सम्मुख थाई जनता उनके सम्मान में सीधे खड़ी नहीं हो सकती है । बल्कि उन्हें झुक कर खड़े होना पड़ता है।
इस प्रकार आज भी थाईलैंड में राम राज्य फल फूल रहा है।
— निशा नंदिनी गुप्ता
तिनसुकिया, असम