कभी तो आओगे गोपाल मेरे अंगना
कभी तो आओगे गोपाल मेरे अंगना
गोपाल मेरे अंगना, गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
1.हीरों का मैं मुकुट मंगाऊं
उस पर मोर का पंख लगाऊं
शीश पे सजाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
2.चुन-चुन गेंदा-गुलाब मंगाऊं
प्रेम से माला मैं बनवाऊं
कंठ पे सजाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
3.दूध मांगाऊं दही मंगाऊं
माखन-मिश्री भी ले आऊं
आके भोग लगाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
4.सोने का मैं दीप मंगाऊं
प्रेम की बाती उसमें सजाऊं
आके जोत जलाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
5.गोपी-ग्वालों को बुलवाऊं
बंसी में हीरे जडवाऊं
आके बंसी बजाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
6.जनम-जनम की प्यास जगी है
तेरे मिलन की आस लगी है
दर्शन दिखलाओगे गोपाल मेरे अंगना- कभी तो आओगे-
(तर्ज़-मैय्या जी तेरा प्यार, प्यार सच्ची मुच्ची का—————-)