विश्वास नहीं होता ——
की आज जिस देश में मुफ्त में भोजन और एक विशेष प्राविधान के तहत नौकर चाकर बनने में रुकावट के भनक से लोग धर्म परिवर्तन करने पर आमादा हो जाते है उसी देश में कभी महा राणाप्रताप भी पैदा हुए थे जो सर्व समर्थ , महाबली और अप्रतिम योद्धा होते हुए भी घास की रोटी खाना स्वीकार किये लेकिन इस्लामी सत्ता को कभी स्वीकार नहीं किये / छद्म इतिहासकारों के अनुसार अकबर धर्मनिरपेच्छ शासक था और राणाप्रताप को उसके राज्य में सबसे उच्च पद सहज सुलभ था / लेकिन उन्हें धर्म के आगे भौतिक सुख तुच्छ लगा / बीर शिवा जी भी इसी देश में पैदा हुए थे जो राजमहल के सारे शुख त्यागकर गुफाओं कंदराओ में चिप छिप कर औरन्ग्जब का जीना मुश्किल कर दिए थे / भगत सिंह , आजाद , बोस , अच्छे खासे परिवार में पैदा हुए थे उन्हें सांसारिक सुख भोगने की कोई कमी नहीं थी और उनमे इतना साहस और बिद्वात्ता था की वे दुनिया का सारा सुख भोग सकते थे लेकिन उन्हें राष्ट्र से प्रेम था और राष्ट्र के लिए ख़ुशी ख़ुशी फांसी पर झूल गए जैसे आजकल लोग भौतिक शुख के लिए झूल रहे है / महान विद्वान् स्वामी विवेकानंद अपने ज्ञान का उपयोग सम्मान पाने या उसे वापस करने में न करके हिन्दू धर्म को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित करने में किये /
सुभाष बाबु को आजादी के बाद वाले भारत के दशा दिशा का भान हो गया था , तभी तो वे कहे थे की अगर हमें आजादी मिली तो हम हिन्दुस्तान में १० साल के लिए फौजी शासन लागु कर देंगे क्योकि उस समय गाँधी जी के पीछे पीछे चलने वाले भीड़ के मानसिकता , स्वार्थपरता , कायरता को वे भांप चुके थे और आजाद भारत का संबिधान और कानून कैसा होगा इसका उन्हें पूरा अंदाजा था / देश के अखंडता में केवल जिन्ना ही नहीं बाधक थे , जिन्ना जैसे तमाम जातीय और क्षेत्रीय क्षत्रप सुगबुगा रहे थे जो फौजी शासन से ही चुप किये जा सकते थे / देश का दुर्भाग्य था की सारे क्रांतिकारी १५ अगस्त १९४७ से पहले समाप्त हो गए लिहाजा उनके योगदान और उनके विचारों को कोई महत्व नहीं दिया गया / ६० साल में देश को इतना पिलपिला बना दिया गया की जहा हाँथ रखो वाही से जाती धर्म भ्रष्टाचार की दुर्गन्ध आ रही है / चूँकि मोदी हर उस फोड़े को कुरेंद रहे है जिसे कांग्रेस बड़े जातां से छिपाए रखे थी लिहाजा मोदी को सबके निशाने पर रहना स्वाभाविक है और यह देश के लिए शुभ संकेत भी है / इससे पहले की देश में छद्म गांधीवादियों की भरमार हो जाय जिसका पोंछ पकड़कर केजरीवाल , राहुल ,मायावती , ममता लालू जैसे तमाम नेहरु पैदा हो जाय ! देश के ३५ करोड़ युवाओं में से दो चार भगत सिंह , आजाद , उधम सिंह को पैदा होना होगा /ताकी टूट चुके विश्वास में फिर से आशा का संचार हो /