कविता किसकी?
समंदर के बीच
अटखेलियां
करती कविता
सभी से दूर अकेले में
{1}एक बना रहा नाव !!
साथ पतवार
लगा रहा वक्त
उस की सजावट में
नियम और कानून के साथ
और फिर चल पड़ा लपकने
समंदर में कविता को
{2}
दूसरा भावों से
लबरेज भुजाओं के सहारे
कूद पड़ा समंदर में
सांसों पर विश्वास लिए
छूने कविता को
कौन पहुंच पाता है वहां खुदा जाने!!!!