कविता

रानी दुर्गावती

(बलिदान दिवस 24. जून पर)

रानी तो इतिहास बन गई,
हर इक जन की आस बन गई !

जो शोषित थे,जो पीड़ित थे,
उनके लब पर हास बन गई !

देशभक्ति,संघर्ष औ’ साहस,
रानी तू कुछ ख़ास बन गई !

तेरी महिमा का नित गायन ,
सदी,दिवस तू मास बन गई !

शौर्य और बलिदान की कथा,
रानी तो अहसास बन गई !

अमर पृष्ठ तूने रच डाला,
रानी तू आकाश बन गई !

वन-उपवन रौनक के मेले,
फूलों की तो वास बन गई !

गढ़-मंडल में तेरी पूजा,
“रानी मॉं ” विश्वास बन गई !

— प्रो.शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]