रानी दुर्गावती
(बलिदान दिवस 24. जून पर)
रानी तो इतिहास बन गई,
हर इक जन की आस बन गई !
जो शोषित थे,जो पीड़ित थे,
उनके लब पर हास बन गई !
देशभक्ति,संघर्ष औ’ साहस,
रानी तू कुछ ख़ास बन गई !
तेरी महिमा का नित गायन ,
सदी,दिवस तू मास बन गई !
शौर्य और बलिदान की कथा,
रानी तो अहसास बन गई !
अमर पृष्ठ तूने रच डाला,
रानी तू आकाश बन गई !
वन-उपवन रौनक के मेले,
फूलों की तो वास बन गई !
गढ़-मंडल में तेरी पूजा,
“रानी मॉं ” विश्वास बन गई !
— प्रो.शरद नारायण खरे