मेरे पापा
साध पाऊँ
लक्ष्य मैं अपना,
जगाया मुझमें ये
आत्मविश्वास !
बीते पल हैं
सुखद स्मृतियाँ,
समेटे हैं खुद में
खूबसूरत अहसास ! !
स्नेह से मुझको
बड़ा किया,
खुशियों से दामन
मेरा भरा !
सही – गलत /
छोटे – बड़े,
हर फैसले पर
मार्ग मेरा प्रशस्त किया ! !
पंख दिए
मेरे सपनों को,
और अनंत आकाश
उड़ने के लिए !
असफलता में
दिया भरोसा,
बने कवच
वार सहने के लिए ! !
छूती हूँ जब भी
मुकाम नए,
मंद – मंद मुस्काते हैं !
आँखों से,
मुस्कुराहट से झोली,
आशीर्वाद से
भर जाते हैं ! !
अंजु गुप्ता