कविता

गुलाब

इश्क़ की कहानी
यादों की निशानी
किताबों में बंद
महका था गुलाब
मुरझाया सा अब
फिर भी अहसास में
भिगोया, आस बन
ज़ीस्त में लिपटी
इश्क़ की फरियाद
आंखो में धुंधली
तस्वीर तुम्हारी
फीकी सी मुस्कान
खामोश बैठी
पंखुड़ियां छू कर
साँसों को समेटे
इश्क़ इश्क़ औ गुलाब
अश्क़ छलके
मन बहके
टूट के बिखरे
दर्द में मुस्कुराते गुलाब
कितना यक़ीन था
निभाएंगे, महकेंगे, बहकेंगे
फ़िज़ा में ख़ुमार बन छायेंगे
हवा क झोकों ने उलझाया
वक़्त ने सताया
जुदाई ने तड़पाया
नसीबा की तोहमत
किताबों में फिर छुपाया था
जिंदगी की सांझ में
वफ़ा का चिराग
इश्क़ में तेरा साथ
फिर तुमने हाथ छुड़ाया था
आहों, में सिमटी
यादों में बेजान
नंदिता का इश्क़ बेजुबान
देखती रही बस देरतलक
तेरे हाथों से लिया मुरझाया था गुलाब
मेरी रूह में महके
इश्क़ सबाब हां, इश्क़ सा गुलाब !!

नंदिता

तनूजा नंदिता

नाम...... तनूजा नंदिता लखनऊ ...उत्तर प्रदेश शिक्षा....एम॰ ए० एंव डिप्लोमा होल्डर्स इन आफिस मैनेजमेंट कार्यरत... अकाउंटेंट​ इन प्राइवेट फर्म वर्ष 2002से लेखन में रुचि. ली... कुछ वर्षों तक लेखन से दूर नहीं... फिर फ़ेसबुक पर वर्ष 2013 से नंदिता के नाम से लेखन कार्य कर रही हूँ । मेरे प्रकाशित साझा संग्रह.... अहसास एक पल (सांझा काव्य संग्रह) शब्दों के रंग (सांझा काव्य संग्रह) अनकहे जज्बात (सांझा काव्य संग्रह ) सत्यम प्रभात (सांझा काव्य संग्रह ) शब्दों के कलम (सांझा काव्य संग्रह ) मधुबन (काव्यसंग्रह) तितिक्षा (कहानी संग्रह) काव्यगंगा-1 (काव्यसंग्रह) लोकजंग, शिखर विजय व राजस्थान की जान नामक पत्रिका में समय समय पर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है । मेरा आने वाला स्वयं का एकल काव्य संग्रह... मेरी रुह-अहसास का पंछी प्रकाशन प्रक्रिया में है नई काव्य संग्रह- काव्यगंगा भी प्रकिया में है कहानी संग्रह भी प्रक्रिया में है संपर्क e-mail [email protected] Facebook [email protected]