गीत
कुछ लोगों की मुझको दिखती ,मंशा काली भारत में
उन लोगों की चाहत लगती ,करें दलाली भारत में
मिट्टी ,चारा , रेल, खेल, ओ , तेल घोल कर पी डाले
ये भारत को भस्म कराने , की अग्नी में घी डाले
ये दुश्मन के संगी साथी , हैं दुश्मन के मित्र सभी
कैसे करूँ भरोसा उन पर , लगते मुझे विचित्र सभी
भारत में रह कर के देते हम को गाली भारत में
उन लोगों की चाहत लगती ,करें दलाली भारत में
— मनोज “मोजू”