“हाइकु”
आयो रे आयो
सावन झूम आयो
नाचत मोर।।-1
झींगुर किर्रे
मेढ़क टर टर्रे
निशा चिंतित।।-2
पर्व त्योहार
फल फूल बहार
सावनी तीज।।-3
धान गड़ाई
प्रिय किसान भाई
अल्प आहार।।-4
बरखा ऋतु
नदिया उतिराई
निगोड़ी बाढ़।।-5
टपके ओरी
हुई विह्वल गोरी
नैन अधीर।।-6
कोयल बोले
चंचल कागा डोले
भौंरा मचले।।-7
बोल सखी री
मिल गाएं कजरी
झूला दिल का।।-8
ताल तलैया
भर गए पोखर
छाया बादल।।-9
सावन सेज
मनभावन लागे
कंगना बाजे।।-10
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी