“कुंडलिया”
क्षिप्रा नदी अति पावनी, नगरी श्री महाकाल
बारह ज्योतिर्लिंग प्रभु, शिव तृतीय विकराल
शिव तृतीय विकराल, भष्म की महिमा भारी
सत्य आरती थाल, अलंकृत छटा निहारी
‘गौतम’ बड़ सुभाग्य, हुआ दर्शन संग पुत्रा
पत्नी कन्या तात, उज्जैनी बम बम क्षिप्रा॥
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी