बदलता वक्त हूँ,
बदलता वक्त हूँ,
बदलता वक्त हूँ, जाने मेरा अंजाम क्या होगा ?
सुनाई दे रहे नामों में मेरा नाम क्या होगा ?
यहां बिकती सभी चीजें है जिनका मोल लाखों में,
बना अनमोल फिरता हूँ तो मेरा दाम क्या होगा ?
निकल पड़ता हूँ, नदियों में समंदर भी मिले तो क्या ?
अभी जो है ये नजराना मेरा ईनाम क्या होगा ?
लगा रखा है तेरा नाम अपने नाम के संग मे,
हुआ रौशन जमानें में, तो अब बदनाम क्या होगा ?
हुई नेमत जो शिव की तो, मिली है रौशनी हमको,
नहीं अब सोचना कुछ भी मेरा परिणाम क्या होगा।