मेरे दिल के तार तुमसे
मिरे दिल के तार तुमसे जुड़ गये न जाने कैसे |
सुनो प्रेम प्रेम तुमसे हो गया न जाने कैसे |
धड़कने मेरे दिल की धड़के तुम्हारे संग में ,
छेड़ देते तुम ज़रा भी झनके न जाने कैसे ||
छाया जभी अंधेरा दिया तुमने रौशनाई |
जल गई यकीं की बाती तुमसे न जाने कैसे ||
द्वार पर मेरे दिल के लगे हैं बहुत से पहरे |
फिर ख्वाब में वे मेरे आ गये न जाने कैसे ||
भावनाएँ मेरी हरदम महसूस की उन्हें ही |
बंध गये शब्द खुद ही छंद में न जाने कैसे ||
©किरण सिंह