सावन आया……
सावन आया…..
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सावन आया – सावन आया साथ में राग मल्हार लाया
मेघों संग पेड़ों पर पड़ गये गोरी के झूले
तरूवर झूमें,पर्वत झूमें,नदियॉ झूमें,झूमें खेत-खलियान
सावन आया……
पक गईं नीम – निमोड़ी, अम्बार लग गया
भीग – भीग कुकरमुत्तों के संग गोरी के अंग – अंग फूले
यौवन ने ली अंगड़ाई, सब फीका – फीका बिन साजन
सावन आया……
खेतिहार किसान ने अब हल हाथ थाम लिया
हरियालीत्सव लेके आई, घर-घर खुशिओं के उजियाले
चलने लगी पंछी के पंखों से शीतल – खुशनुमा पवन
सावन आया……
श्मामा-श्यामा चादर ओढ़ के झूमता-गाता बादल आया
तरह – तरह के रंग दिखाके – रूप दिखाके, हुए निराले
रून – झुन – रून – झुन पायल बजा रहे गुलजारी धान
सावन आया……
– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर,
फतेहाबाद-आगरा 283111,उ.प्र.