लघुकथा : सुरक्षा
उसे बाइक चलने का तो शौक था, पर हेलमेट लगाकर जाना बिलकुल पसंद नहीं था. आज भी वह बिना हेलमेट लगाये बाइक लेकर घर से निकला. हालाँकि पत्नी ने टोका भी कि अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाकर जाओ. पर वह अनसुनी करके निकल गया.
लाल बत्ती वाले चौराहे पर उसको रुकना पड़ा. तभी एक बच्ची नीबू-मिर्ची बेचने उसके पास आई. उसने कुछ सोचकर नीबू-मिर्ची खरीद ली और अपनी बाइक पर लटका ली. अब वह अपनी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त था.
— विजय कुमार सिंघल