लघुकथा

लघुकथा—माफ करना

जैसे ही कोई बीमार होता वैसे ही वह मुंहफट कहता,” अरे भाई ! आपने नौकरी में हाय या ब्याज का पैसा आ गया होगा इसलिए यह बीमारी लग गई.” जिसे सुनकर सामने वाला खिसियाकर रह जाता था.

एक दिन अचानक उस मुंहफट की बीवी फिसल गई. उसका हाथ टूट गया. लोग उस मुंहफट के घर दुख जताने आने लगे.

” क्या भाई ! आप के पास कौनसा पैसा आ गया जो इस रूप में निकल रहा है,” लोग उस से कहना चाहते थे मगर, लिहाज में चुपचाप मुस्करा कर चले जाते. वह उनकी आँखों की शरारत में झांकते प्रश्न को पढ़कर मुंह नीचे कर के चुपचाप हाथ जोड़ लेता.

— ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश्’

*ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

नाम- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जन्म- 26 जनवरी’ 1965 पेशा- सहायक शिक्षक शौक- अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा- मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथ-साथ लघुकथाएं. शिक्षा-बीए ( तीन बार), एमए (हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र, इतिहास) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा. समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिशत अंक के साथ अपने बैच में प्रथम. रचना प्रकाशन- सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, चैथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विशेष लेखन- चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाशन- लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार- साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकु, हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). मराठी में अनुदित और प्रकाशित पुस्तकें-१- कुंए को बुखार २-आसमानी आफत ३-कांव-कांव का भूत ४- कौन सा रंग अच्छा है ? संपर्क- पोस्ट आॅफिॅस के पास, रतनगढ़, जिला-नीमच (मप्र) संपर्कसूत्र- 09424079675 ई-मेल [email protected]