शिव भजन- तारकासुर-वध
तारकासुर को मारने वाले, हे परमेश्वर स्वामी
सबकी रक्षा करते हो तुम, घट-घट अंतर्यामी
भगवन जय हो तेरी, भगवन जय हो तेरी (2)
1.जब-जब धर्म की हानि होती, अधर्म है शीश उठाता
तब-तब दानव को दलने, परमेश्वर तू है आता
भगवन जय हो तेरी, भगवन जय हो तेरी (2)
2.युग-युग से तुम धर्म की खातिर, रूप अनेक ह धरते
मुरली बजाते, धनुष उठाते, डमरू से डम-डम करते
भगवन जय हो तेरी, भगवन जय हो तेरी (2
3.मानव जब दानव बन जाता, जग को कष्ट दे भारी
तेरे एक इशारे से मिट जाती दुविधा सारी
भगवन जय हो तेरी, भगवन जय हो तेरी (2
4.तुम ही तप से खुश होकर वरदान सभी को देते
लेकिन वर से कष्ट दे जो उसकी शक्ति हर लेते
भगवन जय हो तेरी, भगवन जय हो तेरी (2
(तर्ज़- विनय सुनो हे स्वामी सबका जीवन-धन सरसाओ——–)
आदरणीय बहनजी ! बेहद सुंदर भजन के लिए धन्यवाद ।