समय बड़ा बलवान
समय बड़ा बलवान
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समय बड़ा बलवान रे साथी, समय………
देखो समय – समय के खेल निराले
समय पे छलके मदिरा के प्याले
समय पे बीत गई वो हंसी जवानी
प्यास लगी पर मिला नहीं समय पे पानी ||
परिवर्तन है नाम समय का रे साथी
सुंदर – सुंदर मुखड़े समय पे सूखे – पिचके
छोड़ कुकर्म, काम करो कुछ नीके
समय पे मजबूत लोहा भी गल जाता
पर्वत पिस-पिस समय पे चूरन बन जाता ||
समय बड़ा बलवान रे साथी, समय……….
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली,
फतेहाबाद-आगरा 283111