गीतिका/ग़ज़ल

तरही ग़ज़ल

प्यार का अजब सिला मिला हमको।
होकर फिर वो जुदा मिला हमको।

जिसकी आँखों में थी कभी ज़िन्दादिली;
वो जब मिला खफा मिला हमको।

वक्त ने बदल दिया फिर कितना उसे;
अपने ही शहर में गुमशुदा मिला हमको।

टकरा कर लहरें साहिल से लौट गईं;
किसी कशमकश में उल्झा मिला हमको।

हारा हुआ कोई मुसाफिर हो जैसे वो;
अशको को यूं बहाता मिला हमको।

कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |