मुरलीवाले की प्यारी सवारी
आई-आई है मेरेअंगनवा, मुरलीवाले की प्यारी सवारी
अब तो डंका बजा के कहूंगी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
1.कभी चलते थे मेरे आगे-आगे, मुझे रस्ता दिखाते बनवारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
2.कभी चलते थे मेरे पीछे-पीछे, कहीं रस्ता भटक ही न जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
3.कभी चलते थे हाथ पकड़ के, लड़खड़ाके कहीं न गिर जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
4.कभी आके नयन मूंदते थे, पूछते कौन मैं तेरी प्यारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
5.हर कदम पे प्रभु हैं संग मेरे, उनकी हर इक अदा है निराली
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
(तर्ज़- मेरे सांवरे-सलोने कन्हैया, तेरा जलवा कहां पर नहीं है…)
प्रिय राजकुमार भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको भजन बहुत प्यारा लगा. अत्यंत सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार.
आदरणीय बहनजी ! जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर भगवान श्री कृष्ण का यह प्यारा सा भजन बहुत अच्छा लगा । सुंदर भजन के लिए धन्यवाद ।