कविता

शिक्षा

शिक्षा के बिना यह
आजादी अधूरी है
जब देखता हूं फुटपाथ पर
सोचो कहां यह पूरी है
बना लो जश्न आजादी का
मगर भूलो नहीं
फरेब के सावन में देखो
अब झूलों नहीं
कुछ हाथों की कठपुतली नहीं है
आजादी की उनको भी चाहिए जो
बहुत सारी सुविधाओं से वंचित है
आखिर वह भी तो
भारत माता की
मिट्टी से संचित हैं
वचन दो खुद को
आजादी का महत्व
बताओगे
जन जन के द्वार जाकर
समझाओगे
गुलामी नहीं करनी
किसी नेता की
ख्याल आजाद रखने हैं
हिंद की आवाम
सारी आजाद
हो ऐसे जज्बात रखने हैं
शिक्षा एक माध्यम है
पतवार है
पार निकलेगा कोई चाहे
कितनी भी बड़ी मझधार है
देश की ताकत का सबसे
बड़ा हथियार है
जिसके तरकस में
शिक्षा का तीर
उसका बेड़ा पार है

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733