“हाइकु”
छूटा बंधन
मुँह में मिठाइयाँ
सत्य की जीत॥-1
घिनौना स्वार्थ
हाय तोबा दुहाई
वो शहनाई॥-2
बहाना बाजी
राह मील पत्थर
मोह मंजिल॥-3
वापस आई
पटरी पर रेल
सुखद यात्रा॥-4
डाली का बौर
अपने अपने बाग
प्यार मुहब्बत॥-5
सबका धर्म
स्त्री पुरुष मानव
दया करुणा॥-6
वो काली रात
भयानक सपना
सुबह हुई॥-7
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी