कविता

“हाइकु”

छूटा बंधन

मुँह में मिठाइयाँ

सत्य की जीत॥-1

घिनौना स्वार्थ

हाय तोबा दुहाई

वो शहनाई॥-2

बहाना बाजी

राह मील पत्थर

मोह मंजिल॥-3

वापस आई

पटरी पर रेल

सुखद यात्रा॥-4

डाली का बौर

अपने अपने बाग

प्यार मुहब्बत॥-5

सबका धर्म

स्त्री पुरुष मानव

दया करुणा॥-6

वो काली रात

भयानक सपना

सुबह हुई॥-7

महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ