कवितापद्य साहित्य

बचपन

बचपन

आज गली के मोड़ पर
ठहरी गाड़ी में
कुछ बच्चों को देखा,
या यूँ कहूँ
मैंने एक ठिठुरा – कैद बचपन देखा।।
हाथों में न कंचे थे
न थे गुल्ली डंडे
वे मुझको जान पड़े
कैद सुनहरे सपने।।

उनमें से एक बाहर झाँक रहा था
जैसे अपना खोया बचपन तलाश रहा था।
एक के हाथ में कोई यन्त्र था
जिसकी की-पैड में तड़पता बचपन था।
दो आपस में लड़ रहे हैं
तू – तू मैं – मैं कर रहे थे
जैसे बाहर आने को तरस रहे थे।।

गौर करने पर समझ आया
कि गाड़ी को लॉक किया गया है,
कहीं ये बाहर न निकल पड़ें
इस खातिर एक आदमी मुस्तैद किया गया है,
जिसकी तनी भौंहें
बड़ी – बड़ी लाल आँखें
अपना कर्त्तव्य निभा रही हैं।।

उसी गाड़ी के दाहिने आईने में
बढ़ी दाढ़ी और मूँछों में
मैं खुद को देख रहा हूँ,
मैं देख रहा हूँ
मेरे हाथ में निबौली
पिट्टू को निशाना लगाती गेंद
हथेली पर भँवरा नचाती डोरी
हाथ में आम की फाक
मुँह से टपकती लार
नाक से बहती मैल
घुटनों तक कीचड़ में सने पैर
और पैजामे को संभालता नाड़ा।
अचानक
बरसात की बूंदों ने मुझे झकझोरा
मिट्टी की गंध ने मेरा सपना तोड़ा,
बचपन से ला जवानी पर छोड़ा।

मैं सोच रहा हूँ,
यह बचपन कहाँ खो गया ?
कहाँ है बचपन की कश्ती ?
चवन्नी को लपकते
दादा के कंधों चढ़ आसमान को छूते हाथ,
अब दिखाई नहीं देते।।

गली के मोड़ पर
जो गाड़ी ठहरी थी
अब जा चुकी है,
लेकर अपनी गिरफ्त में
बोझिल – कैद बचपन।
लगता है आज फिर
बचपन की भी हत्या होनी है।
लगता है आज फिर
बचपन की भी हत्या होनी है।।

 

रवि – किशोर
३० जून, २०१७

रवि शुक्ला

रवि रमाशंकर शुक्ल ‘प्रहृष्ट’ शिक्षा: बी.ए वसंतराव नाईक शासकीय कला व समाज विज्ञानं संस्था, नागपुर एम.ए. (हिंदी) स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्व विद्यालय, नागपुर बी.एड. जगत प्रकाश अध्यापक(बी.एड.) महाविद्यालय, नागपुर सम्प्रति: हिंदी अध्यापन कार्य दिल्ली पब्लिक स्कूल, नासिक(महाराष्ट्र) पूर्व हिंदी अध्यापक - सारस्वत पब्लिक स्कूल & कनिष्ठ महाविद्यालय, सावनेर, नागपुर पूर्व अंशदायी व्याख्याता – राजकुमार केवलरमानी कन्या महाविद्यालय, नागपुर सम्मान: डॉ.बी.आर.अम्बेडकर राष्ट्रीय सम्मान पदक(२०१३), नई दिल्ली. ज्योतिबा फुले शिक्षक सम्मान(२०१५), नई दिल्ली. पुरस्कार: उत्कृष्ट राष्ट्रीय बाल नाट्य लेखन और दिग्दर्शन, पुरस्कार,राउरकेला, उड़ीसा. राष्ट्रीय, राज्य, जिल्हा व शहर स्तर पर वाद-विवाद, परिसंवाद व वक्तृत्व स्पर्धा में ५०० से अधिक पुरस्कार. पत्राचार: रवि शुक्ल c/o श्री नरेन्द्र पांडेय पता रखना है अन्दर का ही भ्रमणध्वनि: 8446036580