मेरे अपने
इस संसार में
जब गढ़े जा रहे हैं
नए नए शब्द
उछाले जा रहे हैं
नए नए जुमले
मेरे साथ हैं
कुछ लोग
जो हैं मेरे अपने
कुछ लोग हैं मेरे
सुख-दुःख के साथी
इनके साथ बहुत
अच्छा लगता है
मन की बात कह
अपने आपको हल्का
महसूस करना
बिल्कुल मज़बूती से
बँधे हुए हैं
मेरे अपने
— विकास कुमार शर्मा