गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल – चेहरे नहीं बदले गये तो आइने बदले गये

चेहरे नहीं बदले गये तो आइने बदले गये
जब लोग बेढंगे चले तो रास्ते बदले गये।

धरती का वो भगवान है, जज भी है सबसे बड़ा
लेकिन चढ़ावे चढ़ गये तो फ़ैसले बदले गये।

भ्रष्ट बाबू की शिकायत आला अफसर से हुई
उसको प्रमोशन देकर उसके ओहदे बदले गये।

खूनी बरी हो जायगा तो क्या गवाही, क्या सबूत
जब पोस्टमार्टम की रिपोर्टें, असलहे बदले गये।

पहले भी करते थे ठगी, मंत्री बने तो भी ठगें
ये सब पुराने माल हैं लेबल भले बदले गये।

ईमान का विच्छेद कर वो बोलता ई-मान अब
शब्दों के जंगल रह गये जब मायने बदले गये।

*डॉ. डी एम मिश्र

उ0प्र0 के सुलतानपुर जनपद के एक छोटे से गाँव मरखापुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्म । शिक्षा -पीएच डी,ज्‍योतिषरत्‍न। गाजियाबाद के एक पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में कुछ समय तक अघ्यापन । पुनश्च बैंक में सेवा और वरिष्ठ -प्रबंघक के पद से कार्यमुक्त । प्रकाशित साहित्य - देश की प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में 500 से अधिक गीत, ग़ज़ल, कविता व लेख प्रकाशित । साथ ही कविता की छः और गजल की पांच पुस्तकें प्रकाशित, ग़ज़ल एकादश का संपादन। गजल संग्रह '- आईना -दर-आईना ,वो पता ढूॅढे हमारा , लेकिन सवाल टेढ़ा है , काफ़ी चर्चित। पुरस्कार - सम्मान ----- जायसी पंचशती सम्मान अवधी अकादमी से 1995, दीपशिखा सम्मान 1996, रश्मिरथी सम्मान 2005, भारती-भूषण सम्मान 2007, भारत-भारती संस्थान का - लोक रत्न पुरस्कार 2011, प्रेमा देवी त्रिभुवन अग्रहरि मेमोरियल ट्रस्ट अमेठी प्रशस्ति -प़त्र 2015, उर्दू अदब का - फ़िराक़ गोरखुपरी एवार्ड 2017, यू पी प्रेस क्लब का -सृजन सम्मान 2017, शहीद वीर अब्दुल हमीद एसोसियेशन द्वारा सम्मान 2018, साहित्यिक संघ वाराणसी का सेवक साहित्यश्री सम्मान 2019 आदि । अन्य साहित्यिक उपलब्धियाँ राष्ट्रीय स्तर के कुछ प्रमुख संकलनों में भी मेरी रचनाओं ( गीत, ग़ज़ल, कविता, लेख आदि ) को स्थान मिला है । जैसे -- भष्टाचार के विरूद्ध, प्राची की ओर , दृष्टिकोण , शब्द प्रवाह , पंख तितलियों के, माँ की पुकार, बखेडापुर, वाणी- विनयांजलि , शामियाना , एक तू ही, आलोचना नही है यह, परम्परा के पडाव पर गाँव, अजमल: अदब, अदीब और आदमी, युगांत के कवि त्रिलोचन, कथाकार अब्दुल बिस्मिल्ला: मूल्यांकन के विविध आयाम, हिन्दी काव्य के विविध रंग, समकालीन हिन्दी गजलकार एक अध्ययन खण्ड तीन- हिंदी ग़ज़ल की परम्परा सं हरे राम समीप , हिंदी ग़ज़ल का आत्मसंघर्ष, सं सुशील कुमार, ग़ज़ल सप्तक सं राम निहाल गुंजन आदि संकलनों में शामिल । अन्य - आकाशवाणी, दूरदर्शन, आजतक, ईटीवी , न्यूज 18 इंडिया आदि चैनलों पर अनेक कार्यक्रम प्रसारित। अखिल भारतीय कवि-सम्मेलनों, मुशायरों व गोष्ठियों में सक्रिय सहभागिता। सम्पर्क -604 सिविल लाइन, निकट राणाप्रताप पी. जी. कालेज, सुलतानपुर एवं ए - 1427 /14, इंदिरानगर, लखनऊ । मोबाइल नं. 09415074318, 07985934703 ई मेल - [email protected], [email protected]