गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 06/12/202406/12/2024 0 Comments ग़ज़ल सच कहना यूं अंगारों पर चलना होता हैफिर भी यारो सच को सच तो कहना होता है इधर अंधेरों से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 13/11/202413/11/2024 ग़ज़ल अपने ही घर में कोई मुझे जानता नहींमेआर मेरा क्या है कोई देखता नहीं कैसे कहूँ नज़रों का ये उसके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 03/10/202403/10/2024 ग़ज़ल मुझको भी कोई पढ़े कल क्या पतामुझको भी कोई सुने कल क्या पता इसलिए रहता ग़ज़ल के गाँव मेंजो है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 01/09/202401/09/2024 ग़ज़ल गुनाहों से पर्दा कभी तो उठेगाकहाँ तक कोई भाग करके बचेगा कहाँ तक करेगा ज़बाँ बंद मेरीकटेगा गला तो लहू Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 04/08/202404/08/2024 ग़ज़ल ज़माने से औरत सतायी हुई हैनहीं ख़त्म होती जो वो त्रासदी है महल में हो या झोपड़ी में हो औरतजहाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 12/07/202412/07/2024 ग़ज़ल बाज़ के डर से आसमां नहीं छोड़ा जातापार जाने का रास्ता कोई ढूंढा जाता हर समय आप बही ले के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 11/07/202413/07/2024 ग़ज़ल नाम ईनाम की ख़्वाहिश न दिल में रखते हैंलेखनी का ज़रूर फ़र्ज़ अदा करते हैं ऐसा कहते हैं लोग मतलबी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 22/06/202422/06/2024 ग़ज़ल जिसे नूरे नज़र कहता था वो आंखों का धोखा थाबना फिरता था जो लखते जिगर वो ख़्वाब झूठा था गिला Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 02/05/202402/05/2024 ग़ज़ल जो तुझे भूल गए तू भी उन्हें याद न करऐसे लोगों से कभी कोई भी फ़रियाद न कर ऐसी बंदिश Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 02/04/202403/04/2024 ग़ज़ल हसीं हो यार इतना ही नहीं वो बावफ़ा भी होसमझदारी भी हो उसमें,वो थोड़ा बावला भी हो तभी हम मान Read More