लघुकथा

लघुकथा – राहत

माँ बेटी रोशनी को बाजार से सामान खरीदने को साथ ले गई | माँ राशन का सामान लेने लगी ,बेटी किताबे और कापियां देख उल्ट-पलट करने लगी | माँ ने डाटा ,”तू ज़ल्दी कर! तुझे इन किताबो से क्या लेना देना, लोगो के घर में काम करना हैं |तुम झाड़ू लगाना ,मैं वर्तन कर लुंगी |काम ज़ल्दी खत्म कर घर चलेंगे |”
बेटी रोशनी ,”माँ आंगन बाड़ी की मैडम मुझे मुफ्त में किताबें और कापी कल दे देंगी |” माँ घूर के बोली ,” तू खाना खाने जाती हैं या पढाई करने, हमारे काम जरूरी हैं |कलम पकड़ के तू क्या करेंगी ?”
बेटी रोशनी ,”नौकरी करके  तुझे राहत, झूठन सफाई से निज़ात |”

— रेखा मोहन ७/९ /२०१७

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]