कविता

हिंदी दिवस पर मुक्तक

“मुक्तक”

बधाई हो सबको सम्मान का यह दिन।

हिंदी माँग बिंदी बहुमान का यह दिन।

परस्पर का नाता है भाषा निराली-

कोयली सी बोली पहचान का यह दिन।।-1

प्रवाह प्रखर सरिता बहाती है हिंदी।

मातृ महिमा लोरी सुनाती है हिंदी।

मंगलमयी यात्रा सफलता की देवी-

प्रेम हर जुबान भर सुहाती है हिंदी।।-2

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ