गज़ल
2122 2122 212
आपका शिकवा पुराना हो गया
आज मौसम भी सुहाना हो गया |
महज खोजें जो खुशी अब ले बढ़े
बस सुना गीतों हँसाना हो गया |
खायशे पाये जो बड़ी कह लव खुले
दिल चमन सबको दिखाना हो गया |
जिंदगी ने तो सताया हैं बड़ा
सोच पाये सा निभाना हो गया |
एक पक्षी सा मान फसाना हो गया
आज घर में चहचहाना हो गया|
रेखा मोहन
२४/९/२०१७
आपका शिकवा पुराना हो गया
आज मौसम भी सुहाना हो गया |हल्के मन की खुशगवार गज़ल .