मां के चरणों मे समर्पित एक गीत
हे मात अम्बे रानी, हे मात अम्बे रानी।
सुन लो पुकार मेरी, कष्टों में जिंदगानी।
महिषा असुर से फिर माँ संसार डर रहा है।
मधु और दैत्य कैटभ अट्टहास कर रहा है।
अवतार लेके फिर माँ दुनिया है ये बचानी।
हे मात अम्बे रानी…….(१)
नारी से जन्म लेकर जो रौंदता है नारी।
शायद न जानता वो नारी है नर पे भारी।
भूले गुमाँ में उनकी औकात है दिखानी।
हे मात अम्बे रानी….(२)
अबला समझ के पापी डाले है दृष्टि तिरछी।
आओ पधारो माता लेकर के भाला बरछी।
संहार कर दे इनका बन चण्डिका भवानी।
हे मात अम्बे रानी…..(३)
इन पापियों के बल को जगदम्ब कर दे भंजन।
फिर से धरा पे अम्बे कर धर्म ध्वनि की “गुंजन”।
दिल में सभी के सरिता फिर प्रेम की बहानी।
हे मात अम्बे रानी…..(४)
— अनहद गुंजन