मुक्तक/दोहा

मुक्तक/दोहा

★ दो दोहा मुक्तक ★

जरा बदल माँ तकदीर, नित पूजे तश्बीर
चिन्ता हटा मन अधीर ,काम में कर्मबीर.
हम तेरी लगन में खो मांगे जीवन आज
रिपु को जन्मभूमि मिटा लगे जग रणधीर.

आज तृतीया नवरात्र ,गरबा हुआ धमाल
गाओ नाचों सम कदम, खुद का भी सम्भाल.
भजन गाना मधुर बना ,सुन डांडिया रास
ले सब चाहत मनुहार ,बचे ना अब मलाल.
रेखा मोहन २३/९/२०१७

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]

One thought on “मुक्तक/दोहा

  • रेखा मोहन

    अब नवरात्रे पर्व चल रहा ,दो दोहा मुक्तक आपके सामने हैं |मुझे आशा है आप पसंद करेंगे .

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