मुक्तक/दोहा
★ दो दोहा मुक्तक ★
१
जरा बदल माँ तकदीर, नित पूजे तश्बीर
चिन्ता हटा मन अधीर ,काम में कर्मबीर.
हम तेरी लगन में खो मांगे जीवन आज
रिपु को जन्मभूमि मिटा लगे जग रणधीर.
२
आज तृतीया नवरात्र ,गरबा हुआ धमाल
गाओ नाचों सम कदम, खुद का भी सम्भाल.
भजन गाना मधुर बना ,सुन डांडिया रास
ले सब चाहत मनुहार ,बचे ना अब मलाल.
रेखा मोहन २३/९/२०१७
अब नवरात्रे पर्व चल रहा ,दो दोहा मुक्तक आपके सामने हैं |मुझे आशा है आप पसंद करेंगे .