गीतिका/ग़ज़ल

दीवाने हो गए

तुम मिले और हम दीवाने हो गए
बागों के मौसम सुहाने हो गए।

पत्तियों ने ली हैं अब अंगड़ाइयां
पतझडो के दिन पुराने हो गए।

तेरी ही आवाज का जादू है ये
कानों में घुलकर तराने हो गए।

तेरे घर आने की इक उम्मीद से
साफ घर के सारे खाने हो गए।

हर तरफ चर्चे हमारे इश्क के
कहने को किस्से फंसाने हो गए।

उम्र जाते देर लगती है कहां
कल के बच्चे अब सयाने हो गए।

बच्चे भी कहते हैं अब तो आजकल
मां और बाप दोनों पुराने हो गए।

राजेश सिंह

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :[email protected]