तेजाब !
होंठो पर झूठी मुस्कान लिए रीना ने सास ससुर का स्वागत किया। रवि सब जानता था पर घर में कलेश से डरते कुछ न कहता, पर ये बात उसे तेजाब की तरह जलन देती थी कि जब रीना के ममी पापा रहने आते तो महीना रह भी जाएं तो भी रीना उन्हें जाने नहीं देती थी और रवि के ममी पापा हफ्ते के लिए भी आएं तो रीनी दुखी हो जाती।
रीना का कहना था आपके ममी पापा का स्वभाव मुझे पसंद नहीं वो रोक टोक करते हैं ऐसे मुझे समझाते हैं जैसे मैं कोई बच्ची हूँ!
मुझे यह सब पसंद नहीं, आएं और चुपचाप चले जाएं बस…..
रीना के ममी पापा को अपने ममी पापा की तरह इज्जत देने वाले रवि को भी अपने सास ससुर की कईं बाते पसंद नहीं थी पर रवि का मानना था कि ममी पापा तो ममी पापा होते हैं ना….!
कामनी गुप्ता***
जम्मू !