कविता : बाल-विवाह का आविष्कार
जबरन शादी की जंजीरो में जकड़कर
रीती-रिवाजो का नकाब ओढ़ाकर
बंधुआ मजदुर के समान पकड़कर
अक्षय तृतीया के दिन खासकर
बाल-विवाह का आविष्कार हमने कराया।
मानव तस्करी समान अपराध गढ़ाकर
अनुच्छेद 14 व 21* के अधिकारों को जलाकर
कानून के विरुद्ध कार्य अपनाकर
अठारह साल से कम उम्र में विवाह करवाकर
बाल-विवाह का आविष्कार हमने कराया
अभिशाप बाल-विवाह का जानकर
आत्ममंथन से इसे सुलझाया
जागरूकता की ज्ञानाग्नि से इसे जलाकर
खिलाफ इसके कदम उठाकर
बाल-विवाह का आविष्कार हमने भुलाया
— फूल सिंह कुम्पावत
अनुच्छेद 14 =बराबरी का अधिकार
अनुच्छेद 21 = जीने का अधिकार